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एथेनॉल फैक्ट्री को पूर्ण रूप से बंद करने हेतु ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया

ग्राउंड रिपोर्ट हरदा. टिमरनी विकासखंड के अंतर्गत आने वाला गांव छिदगांव मेल में संचालित एथेनॉल फैक्ट्री को ग्रामीणों द्वारा पूर्ण रूप से बंद करने की मांग उठाई गई जा रही है। ग्रामीणों द्वारा फैक्ट्री के गेट पर धरना प्रदर्शन, तहसील कार्यालय टिमरनी, जिला मुख्यालय, एवं अन्य के नाम ज्ञापन भी दिया है परंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।

यह है पूरा मामला:-

हरदा जिले के टिमरनी क्षेत्र में आने वाले गांव छिदगांव मेल में एसएमएस बायोफ्यूल नमक इथेनॉल फैक्ट्री संचालित की जा रही है, जो जिले की सबसे बड़ी इंडस्ट्रीज में से एक है। परंतु एथेनॉल फैक्ट्री से फैल रहे प्रदूषण और दुर्गंध से ग्राम के रहवासियों को काफी दिनों से भिन्न-भिन्न समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम के बच्चे महिलाएं एवं बुजुर्गों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, ग्राम के बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, काफी लोगों को आंखों में जलन की समस्या, बुखार ,उल्टी इत्यादि बीमारियां इस फैक्ट्री के प्रदूषण से फैल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित स्कूल के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों का स्वास्थ्य भी गंभीर खतरे में है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि उपजाऊ जमीन पर इस फैक्ट्री को स्थापित करने की अनुमति कैसे दी गई, जबकि यह गांव से केवल 300 मीटर की दूरी पर स्थित है।फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित जल से गांव के सभी जल स्रोत प्रभावित हो रहे हैं, जिससे भविष्य में या अभी कुछ महीनो में ही ग्रामीणों को स्वच्छ जल प्राप्त करने में भी काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। फैक्ट्री की बड़ी चिमनी को बंद रखकर छोटी चिमनियों से धुआं निकाला जा रहा है, जिससे प्रदूषण और अधिक बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि फैक्ट्री में रिवर्स बोरिंग सिस्टम भी लगा है, जो फैक्ट्री द्वारा रसायन के निर्माण के बाद अपशिष्ट रसायन पदार्थ कंपनी से लगे नाले में छोड़ा जा रहा है जो नाले के पानी में मिलकर गांव के बीच से होता हुआ गंजाल नदी में मिलकर जल प्रदूषण कर रहा है एवं जीव जंतुओं को नष्ट कर रहा है आगे यह गंजाल नदी गोंदागांव में जाकर नर्मदा नदी में मिल जाती है जिसके कारण भी नर्मदा नदी का जल दूषित हो रहा है, यदि ऐसे ही चला रहा तो आगामी समय में फैक्ट्री की आसपास की सारी उपजाऊ जमीन भी बंजर हो जाएगी। 1 सितंबर को ग्रामीणों ने आक्रोश में आकर फैक्ट्री के गेट पर हंगामा कर धरना प्रदर्शन किया था इसके बाद जिला कलेक्टर द्वारा 7 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था, इसके बाद अभी तक 25 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई, उसके पूर्व 17 सितंबर को ग्रामीणों द्वारा जनसुनवाई में भी आवेदन दिया गया, परंतु ग्रामीणों की अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई, ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि यदि 17 सितंबर के बाद सात दिवस के अंदर फैक्ट्री को पूर्ण रूप से बंद नहीं किया गया तो ग्रामीणों के द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा, हुआ भी वैसा ही ग्रामीण ने 25 सितंबर दिन बुधवार से फैक्ट्री के सामने ही शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है, ग्रामीणों की प्रमुख एक ही मांग है की फैक्ट्री को पूर्ण रूप से बंद किया जाए ताकि गांव का वातावरण, जल, जीव जंतु एवं मानव सुरक्षित जीवन यापन कर सके।परंतु शासन प्रशासन फैक्ट्री के मामले में कोई दिलचस्पी दिखता नहीं नजर आ रहा है।

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